बोली
रोटी पर लग जाय जो ,थोड़ा सा घी दोस्त ,
स्वाद बहुत बढ़ जायगा ,जीभ बनेगी दोस्त |
इसी तरह जो नाम के ,आगे जी ( शब्द ) लगाओ ,
दूजों से फिर दोस्त तुम ,खूब ही इज्जत पाओ |
स्वाद और इज्जत मिली ,तो जीवन खुशहाल ,
प्राप्त करो इसे खूब ही ,हो जाओ मालामाल |
बच्चा सीखे बोलना ,जब दुई बरस का होय ,
पटर - पटर बोलत फिरै ,सबको खुश कर देय |
जब वह बड़ा हो जाय तो ,सब कुछ बोलता जाय ,
क्या है ठीक और क्या गलत ? समझ नहीं कुछ आय |
पूरी उमर गँवाई दे ,पटर - पटर ही बोल के ,
मीठी बोली ना भई ,पूरा जीवन तोल के |
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