Sunday, July 3, 2022

TAAP HARE ( AADHYATMIK )

 

    ताप हरे 

 

मटका गढ़ा कुम्हार ने ,अलग - अलग आकार का ,

मगर काम तो एक ही ,पानी को  ठंडा करे | 

 

मानव गढ़ा है ईश्वर ने ,अलग - अलग विचार का ,

मगर काम तो एक ही ,संसार को स्वच्छ करे | 

 

नियम बनाए जो ईश्वर ने ,उनका वह पालन करे ,

सुख दे सके ना किसी को ,तो दुःख भी ना अर्पण करे | 

 

खुशियाँ बाँटे जो मानव ,ईश्वर भी उसको प्यार करे ,

कठिन समय के आने पर ,वो उस मानव की मदद करे | 

 

साथ अगर हो ईश्वर का ,तो क्यों वह मानव चिंता करे ? 

उसे पता है कि ईश्वर ही ,उसका सारा ताप हरे | 

 

                            

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