नैया
आँखों में बसा सपनों का शहर ,
नींदों में सैर कराए ,
रंगों भरे सब सपने , जीवन का अर्थ बताएँ ,
सपनों के रंगीं साए में ,
जीवन का अर्थ मिलेगा कैसे ?
सपने तो बुलबुलें हैं पानी के ,
टूटने पर नींद के बिखर जाते हैं ||
डूबो ना दोस्तों सपनों में ,
भरोसा नहीं कर सकते सपनों का ,
जीवन की राहें ही हैं सच दोस्तों ,
यही जीवन को पार लगाएँगी ,
ये ही संसार के सागर में ,
नैया का काम कर जाएँगी ||
डगमग भले ही नैया चलती ,
पर पूरा काम ये करती है ,
सागर की हर लहर के साथ ,
पार वही पहुँचाती है ,
नैया ही पार लगाती है ||