Sunday, November 2, 2025

NAIYAA ( RATNAAKAR )

                             

                                  नैया 

 

 आँखों  में बसा सपनों का शहर ,

नींदों में सैर कराए ,

रंगों भरे सब सपने , जीवन का अर्थ बताएँ ,

 सपनों के रंगीं साए में , 

जीवन का  अर्थ मिलेगा कैसे  ?

सपने तो बुलबुलें हैं पानी के ,

टूटने पर नींद के बिखर जाते हैं   || 

 

डूबो  ना दोस्तों सपनों में  ,

भरोसा नहीं कर सकते सपनों का  ,

जीवन की राहें ही हैं सच दोस्तों  ,

यही जीवन को पार लगाएँगी  ,

ये ही संसार के सागर में ,

नैया का काम कर जाएँगी   || 

 

डगमग भले ही नैया चलती  ,

पर पूरा काम ये करती है  ,

सागर की हर लहर के साथ  ,

पार वही पहुँचाती है  ,

नैया ही पार लगाती है    || 

 

 

Saturday, November 1, 2025

ATKEY ( PREM )

 

                      अटके 

 

गीतों के झरोखों से , झाँक कर देखा  ,

तो शब्दों की  कंदरा में हम अटके  ,

उन्हीं शब्दों से मिलकर गीत बन गए  ,

हमें लगा  अरमानों के कमल खिल गए   || 

 

सब ओर रंग ही रंग छा गए  ,

मौसम और हवाएँ सभी महक गए  ,

प्यार का मौसम मानो आ गया  ,

हम उसी में पूरी तरह डूब गए  || 

 

शब्दों को जो लपेटा , हमने अपनी लेखनी में ,

वही शब्द मानो , खिल  - खिल कर महके  ,

और कुछ महक , मेरी लेखनी में छोड़ गए  ,

हम भी उसी महक में  , दोस्तों डूब गए   || 

 

आओ दोस्तों तुम भी  , उसी महक में डूबे  ,

और मेरे लिखे  , शब्दों को दिल से चुन लो  ,

दिल में जगी  , मुस्कान को होठों पे सजा लो  || 

 

Friday, October 31, 2025

SAHELII MERII ( PAWAN )

 

                         सहेली मेरी 

 

सुन री  पवन , आ जा मेरे अँगना में ,

मेरे गुलमोहर के , पात हिला दे पवन ,

मैं भी तो खो जाऊँ  , उन्हीं में  पवन  ,

घोंसले परिंदों के , बन जाएँ उस तरु पर  || 

 

तू तो पवन  , पूरा जग घूमती है  ,

अब बता तू  , जग कैसा है पवन  ?

मुझसे ज्यादा क्या   ?

कोई तुझको प्यार करता है  ??

 

बन जा सहेली मेरी ,और मुझे अपना बना  ,

ले चल मुझे उड़ा कर , नीले गगना में  ,

मिला दे बदरा से , चाँद से  ,

और सबसे अधिक , मेरे सपनों से   ,

मेरे हौसले ,  मेरी हिम्मत से    || 

 

हम दोनों मिलकर , पूरा जग देखेंगे  ,

मुस्कानें बाँटेंगे  , पूरे  जग  में  ,

साथ ही हम भी मुस्काएँगे  , खिलखिलाएँगे   || 

 

Thursday, October 30, 2025

SUREELAA ( AADHYAATMIK )

 

                                   सुरीला  

 

ओ बाँसुरी वाले ,  आजा , ओ बाँसुरी वाले ,

बाँसुरी  सुना के , जग को मोह  ले , राधा को साथ ला के  ,

जग में मुस्कान जगा दे , प्यार को जग में बाँट दे   || 

 

जग वाले सीख जाएँ , तुझसे प्यार करना  ,

तभी तो जग प्यार का , खजाना बन जाएगा  ,

सभी की जिंदगी को , खूबसूरत बना पाएगा   || 

 

 प्यार के रंग से सजेगा  , जब ये सारा जहां  ,

तभी तो तुम भी अपनी , बंसी चैन से बजा पाओगे  ,

और जग को अधिक - अधिक ,  सुरीला बना पाओगे  ,

बना दो ना सुरीला , और अधिक सुरीला   ||  

 

Wednesday, October 29, 2025

MAKADII KAA JAALAA ( KSHANIKAA )

 

                      मकड़ी का जाला 

 

मत सोचो किसने तुम्हें , क्या है दिया   ?

प्यार दिया है या तुम्हें , नफरत से मारा  ?

अँधियारी रात दी है  , या  किरनों का  सवेरा दिया  ?

हर कोई अपनी सोच से ही ,

किसी से संबंध बनाता है ,

अच्छा या बुरा , सच्चा या झूठा  || 

 

तुम भी अपनी सोच से , राह चुन लो दोस्तों  ,

राह और साथी , दोनों ही सोच - समझ कर चुनो ,

यदि सही चुने तो जीवन , सुंदर बन जाएगा ,

नहीं तो जीवन , मकड़ी का जाला बन जाएगा  || 

 

मकड़ी के जाले से , कोई भी बच नहीं पाता है  ,

वह उसी में फँस कर रह जाता है  ,

मकड़ी का जाला तो , भूल - भुलैंया  है दोस्तों   || 

 

Tuesday, October 28, 2025

THEEK RAAH ( KSHANIKAA )

 

                        ठीक राह 

 

दुनिया की अनगिनत राहों में से  ,

हमने भी एक राह चुनी दोस्तों  ,

जिस पर हम बिना कुछ सोचे - समझे  ,

चलते गए , और आगे चलते गए  ,

कुछ पाया हमने , कुछ खोया भी हमने  ,

मगर फिर भी हम  , चलते चले गए   || 

 

मगर उस राह में हमें  , ऐसे मोड़ मिले  ,

उन्हीं मोड़ों ने हमें , गुम कर दिया दोस्तों  ,

अब तो सारी उलझनों में  , फँसने के बाद ,

हम नहीं पकड़ पाए सही राह को  ,

ऐसी राह जो बिना गुमाए हमें  ,

हमारी मंजिल तक पहुँचा दे दोस्तों   || 

 

हर किसी की अलग ,  एक  मंजिल होती है  ,

और उस मंजिल के लिए  , एक राह निश्चित है  ,

वह राह पकड़ी तो ठीक  , नहीं  तो गड़बड़  ,

तो आप भी सोच - समझ कर ,

ठीक राह ही पकड़ो दोस्तों   || 

 

Monday, October 27, 2025

KYON CHAAHEGII ? ( PREM )

 

                        क्यों  चाहेगी  ? 

 

तुम राम ना बन जाना प्रियवर , 

जो त्याग दे अपनी  पत्नी को ,

मेरे प्रेम को भूल ना जाना प्रियवर ,

भूल जाए जो प्रेम को  ,

कोई पत्नी क्यों चाहेगी  ?  पति  रूप में राम को  || 

 

राम  बने आदर्श  राजा , मगर ना आदर्श पति को  ,

ऐसे में सीता क्यूँ अपनाए  ? ऐसे आदर्श राजा को ,

आज  की सीता कभी ना राम का ,

वरण नहीं करेगी पति रूप में   || 

 

शव जैसा पति  मिले हर  पत्नी को ,

जो सती का सम्मान करे ,

सती के हवन कुंड में दाह के बाद ,

जो तांडव करके , क्रोध  में डूबकर ,

मिटा  दे सारी दुनिया को , जला दे सारी सृष्टि को  ??

 

सती और शिव का प्रेम ,  दुनिया से ऊपर था  ,

दोनों ही एक - दूजे की ,

प्रेम और सम्मान की कहानी है ,

इसीलिए यही सत्य है  , शिव है , सुंदर है दोस्तों   ||