मेघों का जहां
मेघों के इस जहां में ,
उड़ी - उड़ी सी मैं अकेली ,
चमकते सफ़ेद बदरा ,
श्यामल से धूमिल बदरा ,
लगता है ये जहां है ,
या जादू की इक पहेली ॥
चमका है इंद्रधनुष भी ,
रंगों की छटा बिखराता ,
मेघों के इस जहां को ,
कुछ और जगमगाता ,
मेघों ने गुदगुदायी है ,
प्यार से मेरी हथेली ॥
उड़ते हुए से मेघा ,
रवि की रश्मियाँ समेटे ,
हुए चमक से चमकीले ,
थकने पर पहाड़ी पे बैठे ,
गालों को मेरे सहलाए , हल्के से ,
ज्यों घटा हो मेरी सहेली ॥
मेघों की अजब सी दुनिया ,
सादर निमंत्रण देती ,
आओ मेरी दुनिया में ,
मैं प्यार से बुलाती ,
मेरी पुकार सुन लो ,
बन जाऊँगी मैं सहेली ॥
मेघों के इस जहां में ,
उड़ी - उड़ी सी मैं अकेली ,
चमकते सफ़ेद बदरा ,
श्यामल से धूमिल बदरा ,
लगता है ये जहां है ,
या जादू की इक पहेली ॥
चमका है इंद्रधनुष भी ,
रंगों की छटा बिखराता ,
मेघों के इस जहां को ,
कुछ और जगमगाता ,
मेघों ने गुदगुदायी है ,
प्यार से मेरी हथेली ॥
उड़ते हुए से मेघा ,
रवि की रश्मियाँ समेटे ,
हुए चमक से चमकीले ,
थकने पर पहाड़ी पे बैठे ,
गालों को मेरे सहलाए , हल्के से ,
ज्यों घटा हो मेरी सहेली ॥
मेघों की अजब सी दुनिया ,
सादर निमंत्रण देती ,
आओ मेरी दुनिया में ,
मैं प्यार से बुलाती ,
मेरी पुकार सुन लो ,
बन जाऊँगी मैं सहेली ॥
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