मुझे तो लगता है
नन्हीं बाँहों को फैला कर ,
उसका बुलाना ,
प्यार भरी मीठी आवाज़ में ,
खिलखिलाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
पलकें झपका कर ,
नयनों को चमकाना ,
नन्हीं - सी नाक को ही ,
ऊपर को चढ़ाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
आवाज़ को शब्दों का रूप ,
देने की कोशिश में ,
मुँह के अंदर जिव्हा को ,
गोल यूँ घुमाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
उंगली के सहारे ही ,
खड़ा होने की कोशिश में ,
पैरों पे ज़ोर दे कर ,
खुद से खड़े हो जाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
नन्हीं बाँहों को फैला कर ,
उसका बुलाना ,
प्यार भरी मीठी आवाज़ में ,
खिलखिलाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
पलकें झपका कर ,
नयनों को चमकाना ,
नन्हीं - सी नाक को ही ,
ऊपर को चढ़ाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
आवाज़ को शब्दों का रूप ,
देने की कोशिश में ,
मुँह के अंदर जिव्हा को ,
गोल यूँ घुमाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
उंगली के सहारे ही ,
खड़ा होने की कोशिश में ,
पैरों पे ज़ोर दे कर ,
खुद से खड़े हो जाना ,
मुझे तो लगता है यही ,
जीवन का है तराना ॥
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