धूप
झुरमुट में बादलों के ,
चम - चम चमकती दामिनी ,
सुनहली धूप को रोका ,
रही धरा यूँ अछूती ,
उड़ते बदरा के झुरमुट में ,
हुईं धूप की अठखेलियाँ ,
भूल गयी धूप भी इस खेल में ,
धरा करती होगी इंतज़ार उसका ,
बचपना धूप का भाया ,
बदरा व दामिनी को ,
दोनों ने रखा धूप को ,
अपने दिल में , अपने महल में ,
किया स्वागत धूप का ,
धूप भी खिलखिलाती , इठलाती ,
रुकी रही उन्हीं के महल ,
शाम ढले वापिस गयी ,
रवि के आँगन में ,
धरा करती रही इंतज़ार ,
इंतज़ार और इंतज़ार ।
झुरमुट में बादलों के ,
चम - चम चमकती दामिनी ,
सुनहली धूप को रोका ,
रही धरा यूँ अछूती ,
उड़ते बदरा के झुरमुट में ,
हुईं धूप की अठखेलियाँ ,
भूल गयी धूप भी इस खेल में ,
धरा करती होगी इंतज़ार उसका ,
बचपना धूप का भाया ,
बदरा व दामिनी को ,
दोनों ने रखा धूप को ,
अपने दिल में , अपने महल में ,
किया स्वागत धूप का ,
धूप भी खिलखिलाती , इठलाती ,
रुकी रही उन्हीं के महल ,
शाम ढले वापिस गयी ,
रवि के आँगन में ,
धरा करती रही इंतज़ार ,
इंतज़ार और इंतज़ार ।
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