Monday, June 29, 2020

EK LEKHAK (SHORT STORY )

  
      एक लेखक

मन में मचलते भावों को ,
बहने का रास्ता देने वाली है लेखनी ,
लेखनी के चलने से बनते ,
शब्दों से ही तो बनती है कविता , कहानी |

भावों का स्वरूप भरा होगा ,
नवरसों में से किसी एक रूप से |

कोई जन तो डूबेगा हास्य के सागर में ,
कोई है श्रृंगार का दीवाना ,
हमें तो प्रेम है प्रकृति से ,
हम तो उसी में डूबते , उड़ते हैं  |

सागर ,बदरा दोस्त हैं ,तो चाँद भी सखा है ,
दामिनी है सहेली ,साथ में बरखा है |

लेखनी में शब्द तो ,रसों के ही बसते हैं ,
मन में आए भावों की ही , कहानी कहते हैं |

अपने जीवन में जो पाया है , उसी में खुश रहेंगे हम ,
हम तो जीते हैं प्यार में ,और प्यार में मरेंगे हम |

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