अनोखा इंद्रधनुष
जल कणों से छनकर ,
सूर्य रश्मियों के आने से ,
रंग बिखर जाते हैं ,
गगन के आँगन में ||
रंगों की छटा से आसमां ,
रंगीला होता जाता ,
उसी का नाम तो ,
इंद्रधनुष जाना जाता ||
VIBGYOR क्रम में ,
रंग दिखाई देते ,
उन्हीं की व्याख्या तो ,
हम हैं सुन लेते ||
V-विश्वास हो हम में ,
दूसरों के लिए ,
अपनों के लिए ,
देश के लिए ||
I- इंसानियत रखें हम ,
अपनों के प्रति ,
समाज के प्रति ,
समस्त जीवों के प्रति ||
B- बहादुरी का जज़्बा लेकर ,
जिएँ हम इस धरा पर ,
अपने वीरों को देकर ,
उचित सम्मान बहादुरी के लिए ||
G- ग्यान हम समेटें ,
जहाँ से भी मिले ,
ग्यान हम बाँटें उसको ,
जो भी हमें मिले ||
Y- यादें साथ रखें ,
गौरवशाली इतिहास की ,
बीते हुए कल से ही तो ,
नींव पड़ी है आज की ||
O- केसरिया रंग चाहें ,
भर लें उसे दिल में ,
मातृभूमि की रज को ,
चढ़ा लें शीश में ||
R- रज हो अनमोल हमें ,
उसको ना कोई रौंदे ,
हम हैं कर्जदार इस रज के ,
हम हैं उसी के पौधे ||
ये इंद्रधनुष चमका है ,
अपने नील - गगन में ,
उसकी तो छटा बिखरी है ,
दुनिया के सारे चमन में ||
जल कणों से छनकर ,
सूर्य रश्मियों के आने से ,
रंग बिखर जाते हैं ,
गगन के आँगन में ||
रंगों की छटा से आसमां ,
रंगीला होता जाता ,
उसी का नाम तो ,
इंद्रधनुष जाना जाता ||
VIBGYOR क्रम में ,
रंग दिखाई देते ,
उन्हीं की व्याख्या तो ,
हम हैं सुन लेते ||
V-विश्वास हो हम में ,
दूसरों के लिए ,
अपनों के लिए ,
देश के लिए ||
I- इंसानियत रखें हम ,
अपनों के प्रति ,
समाज के प्रति ,
समस्त जीवों के प्रति ||
B- बहादुरी का जज़्बा लेकर ,
जिएँ हम इस धरा पर ,
अपने वीरों को देकर ,
उचित सम्मान बहादुरी के लिए ||
G- ग्यान हम समेटें ,
जहाँ से भी मिले ,
ग्यान हम बाँटें उसको ,
जो भी हमें मिले ||
Y- यादें साथ रखें ,
गौरवशाली इतिहास की ,
बीते हुए कल से ही तो ,
नींव पड़ी है आज की ||
O- केसरिया रंग चाहें ,
भर लें उसे दिल में ,
मातृभूमि की रज को ,
चढ़ा लें शीश में ||
R- रज हो अनमोल हमें ,
उसको ना कोई रौंदे ,
हम हैं कर्जदार इस रज के ,
हम हैं उसी के पौधे ||
ये इंद्रधनुष चमका है ,
अपने नील - गगन में ,
उसकी तो छटा बिखरी है ,
दुनिया के सारे चमन में ||
No comments:
Post a Comment