Monday, June 15, 2020

ANOKHAA INDRADHANUSH ( SAAMAJIK )

     अनोखा इंद्रधनुष
जल कणों से छनकर ,
सूर्य रश्मियों के आने से ,
रंग बिखर जाते हैं ,
गगन के आँगन में ||
रंगों  की छटा से आसमां ,
रंगीला होता जाता ,
उसी का नाम तो ,
इंद्रधनुष जाना जाता  ||
VIBGYOR   क्रम में ,
रंग  दिखाई देते ,
उन्हीं की व्याख्या तो ,
हम हैं सुन लेते  ||
V-विश्वास हो हम में ,
दूसरों के लिए ,
अपनों के लिए ,
देश के लिए  ||
I- इंसानियत रखें हम ,
अपनों के प्रति ,
समाज के प्रति ,
समस्त जीवों के प्रति  ||
B- बहादुरी का जज़्बा लेकर ,
जिएँ हम इस धरा पर ,
अपने वीरों को देकर ,
उचित सम्मान बहादुरी के लिए  ||
G- ग्यान हम समेटें ,
जहाँ से भी मिले ,
ग्यान हम बाँटें उसको ,
जो भी हमें मिले  ||
Y- यादें साथ रखें ,
गौरवशाली इतिहास की ,
बीते हुए कल से ही तो ,
नींव पड़ी है आज की  ||
O- केसरिया रंग चाहें ,
भर लें उसे दिल में ,
मातृभूमि की रज को ,
चढ़ा लें शीश में  ||
R- रज हो अनमोल हमें ,
उसको ना कोई रौंदे ,
हम हैं कर्जदार इस रज के ,
हम हैं उसी के पौधे  ||
ये इंद्रधनुष चमका है ,
अपने नील - गगन में ,
उसकी तो छटा बिखरी है ,
दुनिया के सारे चमन में  ||     
 
 

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