उतर कर चंदा ,आ मेरे अँगना ,
खेलेंगे मिलकर खेल नए ,
रात बाकि है अभी काफी सी ,
रात अभी है बाकि लंबी सी |
अँगना बड़ा नहीं है ,
बच्चे भी तो छोटे हैं ,
खेलेंगे नए खेल सभी मिलकर ,
रात बाकि है अभी काफी सी |
मैं पकाऊँ पूरी ,आलू ,
सब खाएँगे ये मिलकर ,
बूँदी का रायता भी पीकर ,
क्योंकि रात अभी है बाकि लंबी सी |
खीर अगर खानी हो ,
बता दो सलाह करके ,
उसमें समय तो लगेगा ,
कोई बात नहीं समय की ,
रात बाकि है अभी काफी सी |
खाया सभी ने मिलकर ,
स्वाद भी आया और मज़ा भी आया ,
सब खुश हो गए चंदा ,
तेरी चाँदनी भी आई और मुस्काई ,
क्योंकि रात अभी है बाकि लंबी सी |
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