वीणावादिनी
वर दे ,वर दे ,वर दे ,
वीणावादिनी माँ ,वर दे |
झूठ हो मन में मेरे तो ,
उसका तू मन से नाश कर दे ,
सत्य का दीपक मेरे दिल में ,
जला कर प्रकाश कर दे ,
वर दे ----- |
अज्ञान के तिमिर को ख़त्म कर के ,
ज्ञान की ज्योति जला दे ,
राह गर भूली हूँ माँ तो ,
उचित राह प्रशस्त कर दें ,
वर दे ----- |
अहंकार ना हो मुझे ,
माँ नम्र मेरा स्वाभाव कर दे ,
सबमें खुशियाँ बाँट दूँ माँ ,
ऐसा एक भंडार भर दे ,
वर दे ,वर दे ,वर दे |
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