आया है
तेरी यादों का हर जख्म उभर आया है ,
प्यार का आज ही तो दर्द उभर आया है |
जिंदगी जलती चिता पे बैठी है ,
हर तमन्ना बुझी -बुझी सी है ,
साँस भी तो घुटी -घुटी सी है ,
कोई सैलाब सा दिल में भी उमड़ आया है |
प्यार के जख्म दिए हैं तूने ,
मेरे हर ख्वाब दफन किए हैं तूने ,
मेरी खुशियों को छीनकर मुझ से ,
तूने क्यूँ जोर से खुशियों का गीत गाया है ?
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