Monday, April 25, 2022

FURSAT ( KSHANIKA )

        

                   फुर्सत 

 

एक लम्हे की फुर्सत चाहिए ,

जीने की हसरत चाहिए ,

कहाँ से ढूँढे हम फुर्सत को ? 

कोई रास्ता बता दे ,

उस मंज़िल का हमें पता दे | 

 

एक लम्हे की फुर्सत चाहिए ,

कहाँ से खरीदें हम फुर्सत को ? 

कोई बाजार का पता दे ,

उस दुकान का नंबर बता दे ,

कीमत भी उसकी बता दे | 

 

एक लम्हे की फुर्सत चाहिए ,

खुशहाल पल एक चाहिए ,

कोई तो इंसान ऐसा मिला दे ,

जो हमको फुर्सत दिला दे | 

 

हमारा तो , सब कुछ गिरवी पड़ा है ,

अनजाने से संसार में ,

जिम्मेदारियों के भंवर में ,

हम तो फंस गए हैं उसमें ,

कोई तो आए मुक्ति दिला दे | 

 

 

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