Sunday, April 3, 2022

AHSAAS ( PREM )

 

                 अहसास

 

एक समय था ,जब हम मिले थे पहली बार ,

सामने आते ही ,हुईं थीं नजरें चार | 

 

ना जाने क्या अहसास था ? 

नहीं कोई और पास था ,

दिल भी जैसे धड़क कर ,गुम हुआ ,

लगा चला गया है वो ,सीने के पार | 

 

तुम्हारा हुआ जैसे ही ,

मुझको तो भूल गया है वो ,

क्योंकि अब नहीं होता है मुझको ,

मेरी धड़कन का अहसास यार | 

 

किस्से प्यार के बहुत सुन रखे थे ,

प्यार करने वालों को भी देखा था ,

मगर इस अहसास का क्या नाम है ? 

क्या इसी अहसास को कहते हैं प्यार ? 

 

उस एक लम्हे को, कहो कि रुक जाए ,

उसका अहसास भी तो थम जाए ,

चलें ना पल कभी आगे को ,एक कदम भी ,

बन जाए वो लम्हा ,एक यादगार ,एक यादगार | 


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