Wednesday, April 20, 2022

NAA BAND KARO ( JIVAN )

 

                    ना बंद करो 

 

दरवाजे ना बंद करो तुम ,

रिश्ते सभी बिखर जाएँगे ,

वो तो सभी टूट जाएँगे | 

 

रिश्ते ,जो खिलखिलाती प्रकृति से हैं ,

रिश्ते, जो बहती पवन से हैं ,

रिश्ते ,जो नदिया और सागर से हैं ,

रिश्ते ,जो धूप और रवि से हैं | 


जब मिलेंगे नहीं तो , रिश्ते पनपेंगे कैसे ? 

प्यार का जल और दुलार की खाद ना दोगे ,

तो रिश्ते फले - फूलेंगे कैसे ? 

इसीलिए दरवाजे ना बंद करो तुम | 

 

बाहर निकल कर प्रकृति के साथ ,

खिलखिलाओ तुम ,

बाहर निकल कर पवन के संग ,

बहते जाओ तुम ,

बाहर निकल कर नदिया और सागर से ,

छलछलाओ तुम ,

बाहर निकल कर धूप और रवि जैसे ,

संसार को जगमगाओ तुम | 


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