Wednesday, April 6, 2022

SHRINGAAR ( JIVAN )

                    श्रृंगार 

 

श्रृंगार है एक शब्द मगर ,

छिपा है उसमें एक फ़साना ,

श्रृंगार जो कर ले ,

वो तो बन जाए एक अफसाना | 


माता रानी ,देवी माँ का ,

हर दिन का अलग है श्रृंगार ,

सुंदर हर दिन ,प्यारी हर दिन ,

चम -चम करता उनका श्रृंगार | 


लड़की जब दुल्हन बनती ,

करती है वो सोलह श्रृंगार ,

नया रूप सज जाता है ,

 जब होता है सोलह श्रृंगार | 


बिंदिया ,टीका ,काजल ,नथनी ,

हारों और गजरों से सजाया जाता है ,

मेहँदी ,चूड़ा ,हथफूल ,करधनी ,

साड़ी और शाल पहनाया जाता है ,

पायल ,बिछिया ,महावर ,कंगन ,चूनर ,

लाली और सिंदूर सजाया जाता है | 


चमक उठती है ,दमक उठती है ,

माता रानी और दुल्हन ,

जब करती हैं पूरा श्रृंगार ,

मगर आज कल कहते हैं "मेक -अप " दोस्तों ,

बोल के देखो दोनों शब्द ,

क्या सुंदर है ? क्या मीठा है ? 

मेक - अप  या  श्रृंगार ? 


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