बंजारा कहता है
वक्त कभी नहीं रहता समान ,
वक्त बदलता रहता है ,
अपने वक्त के साथ चलो ,
ये एक बंजारा कहता है |
धीरे से मत चलना बंधु ,
वक्त से पीछे रह जाओगे ,
आगे गर तुम जो निकल गए ,
पर वक्त को बदल ना पाओगे ,
अपने अनुसार करने के लिए ,
सम्मान वक्त का कर लो तुम ,
यही बात बंजारा कहता है |
हर वक्त बीतता जाता है ,
वक्त नहीं रुकता बंधु कभी ,
हँसते रहने से वक्त बीते आसान ,
रोते रहने से वक्त रिड़केगा अभी ,
मुस्काते हुए जीवन बिताओ ,
ये भी बंजारा कहता है |
आहट भी नहीं होती है ,
वक्त की धीमी चापों की ,
तुम कभी नहीं सुन पाओगे ,
आहट वक्त की थापों की ,
तो ऐसे में तुम मुस्कान धरो ,
ये सब बंजारा कहता है ,
ये सब बंजारा कहता है |
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