खिलौने
बचपन के वो सुंदर खिलौने ,
मिट्टी के वो रंगीन खिलौने ,
अलग -अलग रूप के खिलौने ,
कोई था घोड़ा ,कोई था सवार ,
कोई था राजा ,कोई था सैनिक ,
हमारे दिल भावन थे वो खिलौने ,
दिल के बहुत करीब थे वो खिलौने |
उन्हें हमने अपना दोस्त बनाया ,
उनके साथ कभी खेल रचाया ,
उनके साथ कभी क्लास लगाई ,
हमारे दोस्त बन गए वो खिलौने ,
कभी हमारी कक्षा के छात्र ,
बन गए वो खिलौने ,
जीवन की मुस्कान बन गए वो खिलौने |
आज खिलौने हैं प्लास्टिक के ,
जो दिल से नहीं जुड़े हैं ,
जीवन में नहीं रचे - बसे हैं ,
मगर वो मिट्टी के ,लकड़ी के खिलौने ,
जीवन को जीवंत बनाने वाले खिलौने ,
जीवन को मुस्कान देने वाले खिलौने ,
हमारे तो मनचाहे ,सुंदर खिलौने ,
सभी को मिलें वो प्यारे खिलौने ,
सभी को मिलें वो न्यारे खिलौने |
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