दावतनामा
आओ दोस्तों ,दावत तुम्हें कराएँ हम ,
थाली विशेष लगा रहे हैं ,तुम्हारे लिए हम |
देखो रोटी बनी है ,सादगी की दोस्तों ,
सब्जी तो बनी भरोसे की ,
और दाल बनाई है प्रेम की हमने ,
जो पहले कभी चखी ना होगी तुमने |
सारा प्यार डाल दिया है हमने ,
ये पुलाव जो बनाया है हमने ,
सलाद में तो दोस्तों ,सम्मान डाला है ,
आप सब के लिए जो सलाद बनाया हमने |
रायता बनाया है विश्वास उंडेल कर ,
अचार बनाया गया है प्रेरणा से दोस्तों ,
मिठाई बनाई है हमने अपने दिल की वफ़ा से ,
वफ़ा की मिठास ही आपको मिलेगी |
इस थाली को देखकर खुश हो जाओ तो ,
खाकर चटखारे लो ,और दो अपनी मुस्कान ,
मेहनत वसूल होगी अपनी दोस्तों ,
तर जाएँगे हम उस मुस्कान से ,
तर जाएँगे हम उस मुस्कान से |
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