Thursday, May 26, 2022

JALEBI ( GEET )

 

              जलेबी 

 

 मीठी रे मीठी ,मैं हूँ मीठी - मीठी ,

सरल नहीं जीवन मेरा ,

फिर भी मीठी -मीठी | 

 

देती मिठास इस दुनिया को ,

देती हूँ स्वाद इस दुनिया को ,

मुझे बनाना सीखो तुम ,

मैं हूँ मीठी - मीठी | 

 

समय खूब लग जाता है ,

फिर मुझको तला यूँ जाता है ,

तलने पर भी मैं ना हूँ ,

ना मैं तीखी - तीखी | 

 

तलने के बाद फिर मुझे ,

रस में खूब डुबोया जाता है ,

डूब - डूब के रस में बनती , 

हूँ मैं मीठी - मीठी | 


सीधी ,सरल ,सपाट नहीं मैं ,

किसी के घर का कपाट नहीं मैं ,

अपने आप में उलझी हूँ मैं ,

हूँ मैं मीठी - मीठी | 


जाना नहीं है तुमने मुझे ,

पहचाना नहीं है तुमने मुझे ,

उलझा - उलझा सा मेरा रूप ,

नाम  "जलेबी " मीठी - मीठी | 



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