छोर बिना
सागर तेरा ओर न छोर ,
तेरे अंदर जल ही जल ,
तू है शांत - शांत सा सागर , मगर ,
लहरें मचा रहीं हैं शोर ॥
लहरें ऊपर शोर मचातीं ,
अंदर तेरे शांत है जल ,
अतुल जल ही तेरी थाती ,
जो लहरें तुझसे हैं पातीं ॥
सागर जलद है तेरा दोस्त ,
तुम दोनों में है प्यार अपार ,
जलद से रिमझिम जल बरसे ,
तेरे पास जल का अतुल भण्डार ॥
देख दोस्ती तुम दोनों की ,
शशि करता है अठखेलि ,
कभी वो तुझमें रूप निहारे ,
कभी जलद से करता केलि ॥
केलि में मनोरंजन मिलता ,
तेरे जल में मिलता जीवन ,
जीवन से हर जीव बना ,
जल ही बना जीवन का रीजन ( reason ) ॥
जलद साथ है इस रीजन ( reason ) में ,
हर दम रिमझिम जल बरसाता ,
तू है बिन छोरों का सागर ,
वह भी बिन छोरों का रहता ॥
रंग नहीं है जल का सागर ,
पर बन गयी दुनिया रंगीन ,
सारे रंग मिले हैं जल के ,
तभी बनी दुनिया रंगीन ॥
दुनिया भी है बिन छोरों की ,
उसका भी तो ओर न छोर ,
सागर तेरे जीवन ने ही ,
दुनिया रची बिन छोर ॥
सागर तेरा ओर न छोर ,
तेरे अंदर जल ही जल ,
तू है शांत - शांत सा सागर , मगर ,
लहरें मचा रहीं हैं शोर ॥
लहरें ऊपर शोर मचातीं ,
अंदर तेरे शांत है जल ,
अतुल जल ही तेरी थाती ,
जो लहरें तुझसे हैं पातीं ॥
सागर जलद है तेरा दोस्त ,
तुम दोनों में है प्यार अपार ,
जलद से रिमझिम जल बरसे ,
तेरे पास जल का अतुल भण्डार ॥
देख दोस्ती तुम दोनों की ,
शशि करता है अठखेलि ,
कभी वो तुझमें रूप निहारे ,
कभी जलद से करता केलि ॥
केलि में मनोरंजन मिलता ,
तेरे जल में मिलता जीवन ,
जीवन से हर जीव बना ,
जल ही बना जीवन का रीजन ( reason ) ॥
जलद साथ है इस रीजन ( reason ) में ,
हर दम रिमझिम जल बरसाता ,
तू है बिन छोरों का सागर ,
वह भी बिन छोरों का रहता ॥
रंग नहीं है जल का सागर ,
पर बन गयी दुनिया रंगीन ,
सारे रंग मिले हैं जल के ,
तभी बनी दुनिया रंगीन ॥
दुनिया भी है बिन छोरों की ,
उसका भी तो ओर न छोर ,
सागर तेरे जीवन ने ही ,
दुनिया रची बिन छोर ॥
No comments:
Post a Comment