यादें
चहल - पहल है चारों ओर ,
कुछ तेरी यादों का शोर ,
चिड़ियों का मीठा कलरव ,
छम - छम नाच दिखाता मोर ॥
बादल की घन - घन आवाज़ ,
बूँदों की छम - छम आवाज़ ,
बादल बरखा मिल - जुल कर ,
करतीं रहतीं मीठा शोर ॥
कहीं पे नदिया बहती है ,
झरना गाता गीत कहीं ,
और कहीं उठती गिरतीं ,
लहरें सागर की करतीं शोर ॥
इन सारी आवाज़ों में ,
तेरी यादें सबसे मीठी ,
जब दिल में आ जातीं हैं ,
तन - मन में उठे हिलोर ॥
सब यादों के संग ही ,
कुछ यादें ऐसी होतीं,
दिल में जब भी आ जाएँ ,
तो नयनों के गीले होते कोर ॥
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