तारों से
भरा हुआ है नभ तो जैसे ,
नन्हें - नन्हें तारों से ,
टिम - टिम करते तारे चमके ,
नन्हें से अंगारों से ॥
रजनी का आँचल तो चमके ,
चमक लिए इन तारों से ,
काले नभ की आभा दूनी ,
हो गई है इन तारों से ॥
चाँद नहीं चमकेगा आज ,
गया खोल में अपनी आज ,
हार गया वह आज की बाजी ,
इन चमकीले तारों से ॥
ऐसी प्यारी हार मिली है ,
चाँद हार से दुःखी नहीं ,
हारा किसी गैर से ना वो ,
हारा वह अपने प्यारों से ॥
खेल दिखाते रोज चाँद को ,
टिम - टिम करते थोड़े ही ,
इसीलिए तो जगह छोड़कर ,
भागा चाँद इन तारों से ॥
भरा हुआ है नभ तो जैसे ,
नन्हें - नन्हें तारों से ,
टिम - टिम करते तारे चमके ,
नन्हें से अंगारों से ॥
रजनी का आँचल तो चमके ,
चमक लिए इन तारों से ,
काले नभ की आभा दूनी ,
हो गई है इन तारों से ॥
चाँद नहीं चमकेगा आज ,
गया खोल में अपनी आज ,
हार गया वह आज की बाजी ,
इन चमकीले तारों से ॥
ऐसी प्यारी हार मिली है ,
चाँद हार से दुःखी नहीं ,
हारा किसी गैर से ना वो ,
हारा वह अपने प्यारों से ॥
खेल दिखाते रोज चाँद को ,
टिम - टिम करते थोड़े ही ,
इसीलिए तो जगह छोड़कर ,
भागा चाँद इन तारों से ॥
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