परदेसी सागर
लहर - लहर लहराता आया ,
परदेसी सागर मेरे पास ,
हर - हर शोर मचाता आया ,
परदेसी सागर मेरे पास ॥
चंचल लहरें उछल - उछल कर ,
हाथ पकड़ मेरा खींचें ,
ले चलीं हैं वो मुझको ,
अपने अंदर अपने साथ ॥
लहरों पर मैं तैर गयी ,
बैठ लहर पर तैर गयी ,
हँस - हँस कर बातें होतीं ,
लहरें और मैं बनी सखि ॥
ऊँची - नीची लहरें हैं ,
सागर पर मानो पहरे हैं ,
झूला बनी हैं वो मेरा ,
मैं झूले में झूल गयी ॥
लहर चंचला लेकर आयीं ,
परदेसी सागर का पैगाम ,
बनो दोस्त मेरी तुम जानूं ,
आती रहना मेरे पास ॥
दोस्त दोस्ती निभाते रहना ,
भूल ना जाना तुम मुझको ,
मैं तो हूँ परदेसी सागर ,
तुम भी तो परदेसी हो ॥
दो परदेस में रहने वाले ,
बने हैं पक्के दोस्त सखि ,
बनी रहेगी दोस्ती अपनी ,
अब जीवन भर यूँ ही री ॥
दूर रहें हम चाहे दोनों ,
प्यार कभी ना होगा कम ,
धरती और आकाश हमेशा ,
रहें दूर फिर भी है प्यार ॥
लहर - लहर लहराता आया ,
परदेसी सागर मेरे पास ,
हर - हर शोर मचाता आया ,
परदेसी सागर मेरे पास ॥
चंचल लहरें उछल - उछल कर ,
हाथ पकड़ मेरा खींचें ,
ले चलीं हैं वो मुझको ,
अपने अंदर अपने साथ ॥
लहरों पर मैं तैर गयी ,
बैठ लहर पर तैर गयी ,
हँस - हँस कर बातें होतीं ,
लहरें और मैं बनी सखि ॥
ऊँची - नीची लहरें हैं ,
सागर पर मानो पहरे हैं ,
झूला बनी हैं वो मेरा ,
मैं झूले में झूल गयी ॥
लहर चंचला लेकर आयीं ,
परदेसी सागर का पैगाम ,
बनो दोस्त मेरी तुम जानूं ,
आती रहना मेरे पास ॥
दोस्त दोस्ती निभाते रहना ,
भूल ना जाना तुम मुझको ,
मैं तो हूँ परदेसी सागर ,
तुम भी तो परदेसी हो ॥
दो परदेस में रहने वाले ,
बने हैं पक्के दोस्त सखि ,
बनी रहेगी दोस्ती अपनी ,
अब जीवन भर यूँ ही री ॥
दूर रहें हम चाहे दोनों ,
प्यार कभी ना होगा कम ,
धरती और आकाश हमेशा ,
रहें दूर फिर भी है प्यार ॥
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