दिल की डोर
घिरा समंदर चारों ओर ,
लहरें घनी करतीं हैं शोर ,
सभी दिलों तक पहुँच है उनकी ,
तभी तो खिंचते उनकी ओर ॥
लहरें उछल - उछल कर आतीं ,
आओ कहकर पास बुलातीं ,
पास जाने पर वो मुस्कातीं ,
बाँध ही लेतीं प्रीत की डोर ॥
खेल अजब लहरों का देखो ,
पहुँच कहाँ तक उनकी देखो ,
भरा समंदर उनसे देखो ,
सागर का तो नहीं है छोर ॥
सागर की लहरें अनगिन ,
नहीं है सागर उनके बिन ,
प्यार नहीं है कम पल - छिन ,
प्यार का कोई ओर ना छोर ॥
प्यार के अनमोल पल ,
लहरों और सागर के बीच ,
दोनों का यूँ प्यार देख ,
दिल भी खिंचता उनकी ओर ॥
दिल तो डूब ही गया है ,
लहरों के मंझधार में ,
उनके इसी प्यार से ,
बंध गयी है दिल की डोर ॥
घिरा समंदर चारों ओर ,
लहरें घनी करतीं हैं शोर ,
सभी दिलों तक पहुँच है उनकी ,
तभी तो खिंचते उनकी ओर ॥
लहरें उछल - उछल कर आतीं ,
आओ कहकर पास बुलातीं ,
पास जाने पर वो मुस्कातीं ,
बाँध ही लेतीं प्रीत की डोर ॥
खेल अजब लहरों का देखो ,
पहुँच कहाँ तक उनकी देखो ,
भरा समंदर उनसे देखो ,
सागर का तो नहीं है छोर ॥
सागर की लहरें अनगिन ,
नहीं है सागर उनके बिन ,
प्यार नहीं है कम पल - छिन ,
प्यार का कोई ओर ना छोर ॥
प्यार के अनमोल पल ,
लहरों और सागर के बीच ,
दोनों का यूँ प्यार देख ,
दिल भी खिंचता उनकी ओर ॥
दिल तो डूब ही गया है ,
लहरों के मंझधार में ,
उनके इसी प्यार से ,
बंध गयी है दिल की डोर ॥
No comments:
Post a Comment