काली रात
रात का साया फैला नभ में ,
तारों की चूनर को ओढ़े ,
सारे जग में झिलमिल - झिलमिल ,
तारों की जगमग को ओढ़े ॥
रात कालिमा से परिपूर्ण ,
मगर चाँदनी झिलमिल - झिलमिल ,
चाँद रात को जगमग करता ,
काला साया भी मुँह मोड़े ॥
देखो जगमग रात हुई ,
तारों की बरसात हुई ,
झिलमिलाए हैं सारे तारे ,
काली रात से रिश्ता जोड़े ॥
खुशी - खुशी ये रात चली ,
तारों की बारात चली ,
काली रात को झिलमिल देख ,
चंदा भी रिश्ता जोड़े ॥
साथ चाँद - तारों का पा ,
रात नाचने लगी है अब ,
प्यार देख चंदा - तारों का ,
रात ने उनको कर अपने जोड़े ॥
रात का साया फैला नभ में ,
तारों की चूनर को ओढ़े ,
सारे जग में झिलमिल - झिलमिल ,
तारों की जगमग को ओढ़े ॥
रात कालिमा से परिपूर्ण ,
मगर चाँदनी झिलमिल - झिलमिल ,
चाँद रात को जगमग करता ,
काला साया भी मुँह मोड़े ॥
देखो जगमग रात हुई ,
तारों की बरसात हुई ,
झिलमिलाए हैं सारे तारे ,
काली रात से रिश्ता जोड़े ॥
खुशी - खुशी ये रात चली ,
तारों की बारात चली ,
काली रात को झिलमिल देख ,
चंदा भी रिश्ता जोड़े ॥
साथ चाँद - तारों का पा ,
रात नाचने लगी है अब ,
प्यार देख चंदा - तारों का ,
रात ने उनको कर अपने जोड़े ॥
No comments:
Post a Comment