Wednesday, March 17, 2021

SHRIDHHA SUMAN (RUBAIYAN )

 

       शृद्धा   सुमन 

 

ये मेरे शृद्धा सुमन मेरे प्रिय कवि 

स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन जी के लिए --- , 

 

बैठ किनारे सागर के ,

भरा है मिट्टी का प्याला ,

   देख - देख मुस्काता हूँ ,

    उसमें भरी भरी हुई हाला ,

कोई ना आएगा दोस्त ,

कोई नहीं होगी साकी बाला ,

     खाली जब हो जाए प्याला ,

      भर देगी अपनी मधुशाला | 


घूँट - घूँट कर पीता हूँ ,

खाली ना होता प्याला ,

     पर कम होती जाती है ,

      मेरी मदिर ,मादक हाला ,

देख रही है खड़ी -खड़ी ,

मुस्काती साकी बाला ,

       सागर उसके हाथों में ,

        सजी है अपनी मधुशाला | 


बीता उसका हर पल ही ,

छलकाते अपना प्याला ,

     उस प्याले में भरी हुई थी ,

       मस्त ,मदिर ,मादक हाला ,

उस हाला को पिया किसी ने ,

वो भी तो मदमस्त हुआ ,

       रास आ गई उनको भी ,

       बच्चन जी की मधुशाला | 


No comments:

Post a Comment