Monday, March 29, 2021

TUMHARE SAMNE ( GEET )

 

          तुम्हारे सामने 

 

तुम्हें सामने पाके नजरें ,

उठीं मगर झुक गईं ,

तुम्हारी नजरें थीं ,चेहरे पर मेरे ,

आया पसीना ,ठंडी हवा में ,

कहा बोलने को ,होठों ने तेरे ,

लगी सोचने मैं ,बोलूँ मैं क्या ? 

लव्ज़ खिल सके ना ,अधरों पे मेरे | 

 

एक अर्से से ,सजाए थे सपने ,

तुम मिलोगे ,मुलाकातें होंगी ,

बातें होंगी ,देखेंगे तुम्हें जी भर के ,

पर जब तुम मिले ,

तो मुलाकातें हुईं ,बातें ना हुईं ,

देखा जरूर मगर ,जी भर के नहीं | 

 

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