खोज आग की
एक समय था ऐसा बंधु ,मानव जंगलों की ,
गुफा में रहता था ,
जानवरों जैसा खाना - पीना था ,
मगर उन्हीं से डरता था ,झुंड बनाकर रहता था ,
और शिकार जानवर का करता था ,
कर शिकार ,फिर उन्हीं की तरह ,
कच्चा ही भक्षण करता था |
जंगल में लगी बार आग ,
मानव उस आग से डरता था,फिर देखा उसने बंधु ,
हर जानवर उस आग से डरता था ,
मानव - मस्तिष्क तब जाग उठा ,
हिम्मत कर उसने अपने डर को भगाया ,
आग को उठाया और उसे ,अपनी गुफा में ले आया |
डरे जानवर आग से ,गुफा से दूर भाग गए ,
मगर आग को इकठ्ठा करना ,बहुत ही मुश्किल था बंधु ,
तब मानव ने पत्थर को रगड़ के ,
नई आग को उपजाया ,
और आग को घर में ही रखने का ,
उसने ये नया तरीका अपनाया |
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