मुस्कातीं
रिश्तों का भंडार अनूठा ,बँधता प्रेम की डोरी से ,
इत - उत डोले धीरे -धीरे ,टूटे ना ये कभी जोरी से |
तुम भी जोड़ो ,मैं भी जोड़ूँ ,बाँधें इसे मजबूती से ,
हँसते -गाते जीवन बीते ,बँध जाए जो मजबूती से |
रिश्ता उतना पावन है बंधु ,जितना पावन प्यार है ,
जैसे फूल मुस्काते खूब ,आती जब बहार है |
फूलों जैसी सुंदरता भी ,देख तितलियाँ मुस्कातीं ,
उन पर बैठ -बैठ के ,गीत सुनातीं ,उड़ जातीं |
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