समय के पार
मनवा उड़ा जाय ,मेरा मनवा उड़ा जाय रे ,
कभी पीछे ,कभी आगे ,देखो मनवा उड़ा जाय रे |
बचपन में पहुँच गया ये मनवा ,
खेलों में रम गया ये मन
सखा ,सहेली सब याद आय रे ,
मेरा ये मेरा मनवा उड़ा जाय रे |
स्कूल ,कॉलेज की क्लास में पहुँचा ,
गुरुओं को नमन ,नमन ये करता ,
सीख ,शरारतों की याद कराय रे ,
मेरा तो, मेरा मनवा उड़ा जाय रे |
कितनी मीठी है उड़ान इसकी ?
कितनी मीठी है याद सभी की ?
लंबे समय को याद कराय रे ,
मेरा ,मेरा मनवा उड़ा जाय रे |
देखो तो बेईमान मनवा की बात ,
पहुँच गया उड़ के दो सालों के बाद ,
सपने भविष्य के दिखाता है आज ,
शरारती ये मेरा मनवा उड़ा जाय रे |
No comments:
Post a Comment