Thursday, November 26, 2020

AAKAR HAI KANKAL ( JIVAN )

    आकार है कंकाल 


कंकाल है आधार ,इस शरीर का ,

कंकाल है तो आकार ,इस शरीर का ,

कंकाल के कारण ही तो ,हम खड़े हैं ,

कंकाल के कारण ही तो ,हम बड़े हैं |


कंकाल को समझे कोई ,क्यों डरावना ?

कंकाल है गर ठीक तो ,मौसम सुहावना ,

कंकाल ना हो गर हमारे अंदर, तो हम क्या हैं ?

माँस का एक लोथड़ा है, आकार के बिना |


दिल - दिमाग सब तो, कंकाल में सुरक्षित ,

उसी ने तो किया है, सभी को रक्षित ,

कंकाल ही तो दोस्तों है,नींव जिंदगी की ,

सुंदरता है हमारी साँस की ,है आस भी रक्षित |


मजबूती से बना हो ,तो दौड़ हम लगाते ,

वरना तो दोस्तों हम ,चल भी नहीं पाते ,

इसका ख्याल रखना ,रखना इसे सुरक्षित ,

हमारा है कर्त्तव्य कि ,रखें इसको हम सुरक्षित |



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