Monday, November 9, 2020

PREM KAHANI ( PREM )

   प्रेम कहानी 


सखि एक प्यारी ,सब की थी दुलारी ,

स्कूल जब छूटा ,कॉलेज से नाता जुड़ा था ,

मस्ती भरे थे दिन,मन मयूर नाचे तिनक दिन,

वो उम्र ऐसी थी,सब कुछ सुंदर लगता था|


एक दिन वह बोली ,एक लड़का मेरे पीछे ,

रोज घर से कॉलेज और कॉलेज से घर आता है,

बोलता कुछ नहीं बस देखता जाता है |


हम भी हँस दिए दोस्तों ,कहा उससे ,

मत डर सखि ये तो तेरा बॉडीगार्ड है ,

किसी तरह की समस्या नहीं आएगी ,

आएगी तो डर कर भाग जाएगी |


ऐसे ही दिन बीतते रहे ,साथ चलता रहा ,

सभी कुछ यूँ ही पलता रहा ,

मुस्कानों,खिलखिलाहटों का दौर चलता रहा |


एक दिन वह सखि मेरे घर आई ,

नई बात उसने सुनाई,उस लड़के ने कहा है,

उसे प्रेम है सखि से ,वह जान दे देगा ,

यदि वह सखि हाँ नहीं कहेगी तो |


मैंने कहा जान कोई नहीं देता डर मत ,

वह बोली यदि सच हुआ तो ,

मैंने कहा -तो तू हाँ कर दे ,

लड़का तुझसे सुंदर है ,पढ़ा -लिखा है ,

जाति भी तुम्हारी है ,प्रेम भी करता है ,

व्यापार भी करता है ,क्या परेशानी है ,

सखि उलझन में थी,माता-पिता का डर था|


खैर दोस्तों ,कुछ दिन बाद ,

सखि की कजिन की शादी थी ,

सखि के जीजाजी से उसने दोस्ती बढ़ाई ,

उन्हें सारी बात समझाई ,जीजाजी ने ,

घरवालों को बताया ,सारा माजरा समझाया |


माता -पिता खुश हुए ,और कुछ महीनों बाद ,

सखि दुल्हन बनी डोली थी सजी ,

सपनों जैसा संसार सजा ,जिंदगी आगे बढ़ी ,

एक प्रेम -कहानी शादी में तब्दील हुई ,

जिंदगी भी मानो चलने की जगह उड़ती गई |




 

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