जादुई शक्ति
धरा हमारी परियों जैसी ,जादू करना जाने ,
नन्हें - नन्हें बीजों से ,पौधे उगना जाने |
उन पौधों में अनगिनत पत्तियाँ ,
और फूल खिलाना जाने ,
उन फूलों की खुश्बु को वो ,
दूर - दूर फैलाना जाने |
फूलों से बनाती फल मीठे ,
फलों से फिर बीज बनाना जाने ,
ऐसे ही प्यारी धरती हमारी ,
गोल - गोल सा चक्र चलाना जाने |
ये सब गुण वो रखे छुपा कर,
किसी को नहीं बताना जाने ,
तभी तो हम उसको कहते हैं ,
धरती माँ ना अपने गुणों को जताना जाने |
पौधे भी जादुई बन कर ,
मानव की खुशियों को बढ़ाना जानें ,
फल ,फूलों से मानव की ,
दुनिया को भरना जानें |
रंग , स्वाद , खुश्बु से दुनिया ,
भर देना तो जानें ,
ऐसी अलौकिक शक्ति रखते हैं वो ,
फिर भी कोई घमंड ना जानें |
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