रंग - बिरंगी तितली आई ,उड़ती - उड़ाती ,
मेरे फैले हाथों पर ,आकर बैठ जाती ,
मेरी मुस्कानों के जवाब में ,वह भी मुस्काती |
मेरे बचपन की यादों को ,ताज़ा कर जाती ,
उन खेलों की यादों को ,वो तो दोहराती ,
मेरी मुस्कानों के जवाब में ,वह भी मुस्काती |
फर - फर,फर - फर करती ,पंखों को फैलाती ,
बचपन के दिनों की बीती ,कहानियाँ सुनाती ,
मेरी मुस्कानों के जवाब में ,वह भी मुस्काती |
रंगों से भरी बगिया में ,जब वह उड़ती जाती ,
उसे पकड़ने के लालच में ,मैं भी दौड़ लगाती ,
मेरी मुस्कानों के जवाब में ,वह भी मुस्काती |
यादें तो अनमोल हैं ,मेरे इस जीवन में ,
तितली कहती मुझसे ,मेरे भी जीवन में ,
मेरी मुस्कानों के जवाब में ,वह भी मुस्काती |
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