Thursday, December 17, 2020

PATRA MAATI KA (LEKH --- PATRA )

                 पत्र माटी का 

 नमन वीरों को ,

सरहद के वीरों सुनलो ,पुकार देश की माटी की ,

मेरा तिलक लगा के पहुँचे तुम,भूमि रेखा पर सीमा की |

  

मुझ से तुमने जन्म लिया ,मैंने ही तुमको पाला ,

मैंने ही तो भरा तुम्हारी ,आँखों में उजाला | 


मेरे ऊपर चलकर ही तुम ,चलना - फिरना सीखे ,

सभी खेल खेले मुझ संग ,कभी हारे ,कभी जीते | 


बढ़ते -बढ़ते बने काबिल ,आज बने वीर सरहद के ,

संघर्षों से जूझ -जूझकर ,सीना तान खड़े सरहद पे | 


आज समय आया है वीरों ,मेरा क़र्ज़ चुकाना है ,

सरहद पार के आतंकियों से ,तुमने मुझे बचाना है | 


हाथ लगा ना पाए कोई ,गंदे ,नापाक इरादों से ,

तोड़ के रखना उन हाथों को ,बढ़ें जो गलत इरादों से | 


पत्र लिखा है तुमको वीरों ,दिल की बात लिखी है ,

देश को गर्व है तुमपे वीरों ,माटी भी सलाम करती है | 

 जय जवान ,जय भारत ,          

                                              देश की माटी

No comments:

Post a Comment