प्यार बसता है
पहाड़ों में बसीं वादियाँ ,
मानो प्यार में डूबीं घाटियाँ ,
बुलातीं सभी को , आओ बस जाओ तुम ,
पाओगे तुम यहाँ ,हसीन सी झाँकियाँ |
प्यार बसता यहाँ ,प्यार रिसता यहाँ ,
मानो कोई हो झरना ,यहाँ प्रेम का ,
प्यार हर फूल में ,हर कली में बसा ,
प्यार की माला हर कोई ,पिरोए यहाँ |
प्यार की धुन यहाँ ,वादियों में गूँजती ,
प्यार की महक से ,बहारें महकतीं ,
हरेक घर में प्यार की ,खिचड़ियाँ हैं पकतीं ,
प्यार की खिलखिलाहट ,मुस्कानों में सजतीं |
छोड़ कर अपने शहर ,अपने घर ,
लोग आते यहाँ ,लोग बसते यहाँ ,
तुम भी आकर यहाँ ,इन्हीं में खो जाओ ,
छोटा सा अपना नीड़ ,बसाओ यहाँ |
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