दो बूँदें
बूँद - बूँद आँसुओं की ,
एक बूँद ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की |
बूँद - बूँद झरी आँखों से ,
मगर होठों पे मुस्कुराहटें ,
एक मुस्कान ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की |
हाथ दो मिले काँपते हुए ,
कँपन था दोनों हाथों में ,
एक कँपन ग़म का ,दूसरा ख़ुशी का |
एक बूँद ने कहा दूसरी से ,
मैं झरती हूँ ,तो ग़म को बहा ले जाती ,
दूसरी बोली ,मैं झरती हूँ ,तो खुशियाँ बढाती |
आँखें चमक उठीं ,बूँदों से बोलीं ,
मैं तो दोनों ही परिस्थितियों में नम हो जाती ,
एक नमी ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की |
साथ बूँदों का रहे हमेशा ,
दोनों साथ रहेंगी हमेशा ,
भाव हो चाहे अलग - अलग ,
एक भाव ग़म का , दूसरा भाव ख़ुशी का |
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