Thursday, December 31, 2020

DO BOONDEN ( GEET )

     दो  बूँदें 

 

बूँद - बूँद आँसुओं की ,

 एक बूँद ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की | 


बूँद - बूँद झरी आँखों से ,

मगर होठों पे मुस्कुराहटें ,

एक मुस्कान ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की | 


हाथ दो मिले काँपते हुए ,

कँपन था दोनों हाथों में ,

एक कँपन ग़म का ,दूसरा ख़ुशी का | 


एक बूँद ने कहा दूसरी से ,

मैं झरती हूँ ,तो ग़म को बहा ले जाती ,

दूसरी बोली ,मैं झरती हूँ ,तो खुशियाँ बढाती | 


आँखें चमक उठीं ,बूँदों से बोलीं ,

मैं तो दोनों ही परिस्थितियों में नम हो जाती ,

एक नमी ग़म की ,दूसरी ख़ुशी की | 


साथ बूँदों का रहे हमेशा ,

दोनों साथ रहेंगी हमेशा ,

भाव हो चाहे अलग - अलग ,

एक भाव ग़म का , दूसरा भाव ख़ुशी का | 


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