Thursday, December 24, 2020

JALATE DEEPAK ( SHORT POEM )

 

  जलते  दीपक 


अँधेरी रातों में दीपक जलाए रखिए ,

रात को राहों में दीपक जलाए रखिए ,

कोई भी ठोकर लगे ना किसी को ,

रास्ता ठीक से दिखाई दे सभी को |


दीपक जो जलता रोशनी है देता ,

दीपक की लौ से करिश्मा है होता ,

वही लौ तो सबको रास्ता दिखाती ,

वही तो सभी को मंजिल पर पहुँचाती | 


छोटा सा दीपक प्रकाश है फैलाता ,

सूर्य का अंश ही है वो तो ,

तभी तो किरणों से राहें चमकाता ,

चलने वाले राही को रास्ता दिखाता |


हर समस्या का समाधान है दीपक ,

आशा का सामान है दीपक ,

कभी भी इसे बुझने ना देना ,

आँखों का अभिमान है दीपक |




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