नया सवेरा , पुराने पत्ते
आई चिड़ियों की आवाज ,उठ जाओ हुआ प्रभात ,
नहीं नींद में डूबे रहो ,नहीं सपनों में खोए रहो |
सूरज की किरणें फ़ैल गईं ,संसार सुनहरा हो गया ,
जागो सभी सोने वालों ,देखो सवेरा हो गया |
दिन कीसुंदर शुरुआत हुई ,चाय की चुस्की शुरु हुई ,
तुम भी उठकर आओ अब ,गरम नाश्ता खाओ अब |
राही चल रहे सड़कों पर ,रेलगाड़ी भी चल दी अब ,
तुम भी अब तैयार होकर,ऑफिस को चले जाओ अब |
काम चलेगा सारे दिन ,नहीं मिलेंगे खाली छिन ,
काम में तुम लग जाओ अब , व्यस्तता को अपनाओ अब |
खिड़कियों को बंद ना रखो,आने दो ताज़ी हवाओं को अब,
दिल ,दिमाग खुल जाने दो ,नए विचार अपनाओ अब |
पतझड़ का मौसम आया है ,झड़ जाने दो पुराने पत्ते ,
झड़ जाएंगे पुराने पत्ते ,आने दो नए पत्ते अब |
पतझड़ के बीतते ही ,हरियाली छा जाएगी ,
बागों में तभी तो ,बहार मुस्कुराएगी |
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