अपनाने में
समय नहीं लगता बंधु ,अनजानों को अपनाने में ,
पूरा जीवन बीत जाता है ,उन रिश्तों को निभाने में ,
कुछ तो रिश्ते खत्म हो जाते ,जाने बिन ,अनजाने में ,
इसीलिए तो यही सही है ,प्यार में ही डूब जाने में |
कुछ बोलकर ,कुछ तोलकर ,कुछ समझकर चुप रहकर ,
दो कदम आगे बढ़ाकर ,और कुछ पीछे हटाकर रहजाने में ,
चले चलो सब राहों पर ,चाहे जानी हों या अनजानी ,
यही तो तत्व ज्ञान है बंधु ,सब ही रिश्ते निभाने में |
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