मेरी दादी माँ
मेरी दादी माँ मुझको ,करती थीं प्यार घना ,
माँ के प्यार से भी वो तो ,प्यार मुझे करतीं दो गुना |
अपनी पुरानी बातें हमें सुनातीं ,अपने बचपन ,
अपनी यादों में बसी हुईं ,बातें हमें बतातीं |
हम खो जाते उनकी बातों में ,
उनके बचपन में ,उनके अल्हड़पन में ,
पर हम उनके बचपन की ,तस्वीर बना ना पाते |
मेरे जन्म से पहले ही ,मेरा नाम चुन लिया ,
आज ये जो मेरा नाम है ,उन्हीं का दिया है ,
बहुत बरस पहले ,उन्होंने कहा था माँ को ,
लड़की आयेगी और नाम "मिथलेश "रखूँगी |
कैसी सुंदर सोच थी उनकी ?
ईश्वर उनकी आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें ,
काश मैं भी ऐसे गुणों वाली ,
दादी माँ बन पाऊँ ,दादी माँ बन पाऊँ |
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