Wednesday, May 17, 2023

GUNGUNAA LE ( JIVAN )

 

                               गुनगुना ले 


साँसों के तार पर ,गुनगुना ले राही ,

धड़कन की ताल पर ,पैर चला ले राही ,

जीवन तो इन्हीं से चलता है ,

इन्हीं पर जीवन बिता ले राही |

 

विधना सेअलग ,कोई ना जाने ,

कब साँसें पूरी हो जाएँ ?

विधना से अलग ,कोई ना जाने ,

कब धड़कन बंद पड़ जाए ? 

इसीलिए तू जश्न मना ,

मुस्कान बिखेर ,जीवन को सुंदर बना ले राही | 


कल जो होना है ,होगा ही ,

आज जो है वो सच है ,

कल बीत गया ,आने वाला कल सपना है ,

इसलिए आज ,आज और आज में जी ले तू राही | 


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