Thursday, May 4, 2023

SAPNON KI TOLI ( CHANDRAMA )

 

                   सपनों की टोली  

 

चाँद  की चाँदनी से ,चमचमाती रातों में ,

जब हमें नींद आई ,निंदिया  डूबे तो ,

सपनों की टोली आई ,

ले गई एक अनजानी दुनिया में ,

हमारी पहचानी दुनिया से बहुत दूर  | 


सुंदर सा ,चमचमाता सा जहां था ,

दूर -दूर तक ,तारों भरा आसमां था ,

तारों की झिलमिल से ,आँखें झिलमिलाईं ,

सपनों को देख -देख ,आँखें भी मुस्कुराईं | 


ठंडी और मीठी बयार के झोंके थे ,

होंठों पे मुस्कान लिए हम तो रुके थे ,

ऐसे में ही चाँदनी ,चमक लिए आई ,

हाथ  पकड़ हमारा ,आगे को बढ़ गई | 


तभी दूर ,एक तारा टूटा गगन में ,

ऐसा नज़ारा ,देखा कभी  हमने ,

लगा जैसे वो ,तारा आएगा हमारे आँचल  में  ,

मगर वो तो बहुत दूर था ,बात नहीं बन पाई | 


अफ़सोस नहीं था ,इस बात का ,

तारा नहीं आया ,आँचल में हमारे ,

मगर वो नज़ारा ,बहुत सुंदर था ,

जो आज भी हमारे ,दिल में बसा हुआ है | 


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