Saturday, May 13, 2023

KHILKHILAATII NADIYA ( JIVAN )

 

                   खिलखिलाती नदिया 


निर्मल शीतल जल की धारा ,

हिमगिरि शिखर से उतरी ,

पहले धीरे से ,फिर उछलकर ,बही तेजी से ,

आस -पास के नन्हें पादप ,मुस्कुराए देखकर ,

नवीन ,पल्लवित पादपों से ,हाथ मिलाती ,गुनगुनाती ,

दौड़ चली ,दौड़ चली और दौड़ चली | 


वेगवान सी वह जल की धारा ,मैदान में पहुँच ,

नदिया कहलायी ,हँसती ,मुस्कुराती ,

दौड़ती रही ,सब को सुख पहुँचाती रही ,

जीवन बाँटती रही ,खिलखिलाती रही ,

बच्चे भी आए ,खेलते रहे ,तैरते रहे ,

और नदिया मुस्कुराती और खिलखिलाती रही | 


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