Sunday, August 31, 2025

ROOH ( RATNAAKAR )

 

                              रूह 

 

रत्नाकर के द्वार जब , हम पहुँचे दोस्तों ,

लहरें उसकी उछलती हुईं  , तब आईं  दोस्तों ,

पकड़कर हाथ हमारा ले चलीं , सागर के घर ,

और दोस्तों हम तो पानी से हुए , तर - बतर   ||  

 

लहरों का वो सुरीला संगीत , 

वो खिलखिलाते गीत उनके , प्यार में डूबे ,

सागर के भेजे संदेस ने , दिल के फूल खिलाए ,

उन्हीं ने हमें जीने के , अर्थ  सभी समझाए  || 

 

लहरों के साथ खेलकर , जो वक्त बीता ,

वही तो दे गया हमें खुशियाँ , पाने का तरीका ,

वो खुशियाँ जो जीवन में , मुस्कान ले आईं ,

वो खुशियाँ जो हमें , जीना सिखा गईं   || 

 

सागर और उसकी लहरें , हमारे दोस्त हैं  ,

उनके मीठे गीत ही तो , होठों की मुस्कान हैं ,

उनका संगीत तो हमारी , रूह में  उतर गया है ,

रूह में उतर गया है  || 

 

Thursday, August 28, 2025

KHWAAB PANKHON KE ( JIVAN )

 

                             ख्वाब पंखों के 

 

ये है ख्वाबों  की दुनिया , मुरादों की दुनिया ,

उन ख्वाबों में मिले , जो पंख मुझे , वो लगाकर ,

उड़ने लगी हूँ मैं , उस नील ऊँचे गगन में ,

जहाँ परिंदे हमेशा , उड़ते रहते  हैं   || 

 

पवन के संग उड़ते - उड़ते ,गगना के अँगना में  ,

पंखों का सहारा लेकर , ख्वाबों का सहारा लेकर ,

मैंने छुआ गगन को , तो ख्वाब हुए पूरे  || 

 

आज भी उन ख्वाबों की , ताबीर मेरे साथ है ,

सच्चाई मेरे साथ है , यादें मेरे साथ हैं ,

तो ख्वाबों को हमेशा , थामे रहो दोस्तों ,

यादों के धागों से , उन्हें बाँधे रहो दोस्तों  || 

 

BACHAAV ( SAMAJIK )

 

                          बचाव 

 

किसी गीतकार के सच से , ओतप्रोत शब्द थे ,

" मतलब निकल गया है ,तो  पहचानते नहीं ,"

 आज दुनिया  में ऐसे ही , लोगों की संख्या अधिक है ,

मतलब के लिए लोग पैर पूजते हैं  ,

मगर बाद में धिक्कारते हैं ,

तो सावधान रहो दोस्तों , ऐसे लोगों से दूर रहो दोस्तों   || 

 

आज साइबर क्राइम के युग में , कहा जाता है ,

" सावधानी ही बचाव है ," ऐसे ही मतलबियों के युग में ,

मेरा यही कहना है , " सावधानी ही बचाव है  ,"

आपकी सुरक्षा का , यही एक रास्ता है ,

तो यही रास्ता अपनाओ , और अपना बचाव करो दोस्तों  || 

 

Tuesday, August 26, 2025

BAPPAA MERE ( AADHYAATMIK )

 

                                    बप्पा मेरे 

 

आओ बप्पा आओ ना , मेरे घर में आओ ना ,

दर्शन देकर हमको भी , भाग्यशाली बनाओ ना ,

लड्डू मैंने बहुत बनाए , मेरी मेहनत सफल बनाओ ना ,

लड्डू का भोग लगाओ ना , तुम तो भोग लगाओ ना  || 

 

बप्पा तुम तो दोस्त मेरे , अपना प्यार दिखाओ ना ,

मेरे घर में बस जाओ , मेरा जीवन सफल बनाओ ना ,

आशीष अपना हम पर ,तुम बरसाओ ना ,

भवसागर पार करवाओ ना , भवसागर पार करवाओ ना  || 

 

दिया है जो जीवन तुमने , उसको पार करवाओ ना ,

मेरे घर में आओ ना , हम पे आशीष बरसाओ ना  || 

 

Monday, August 25, 2025

SWARNIM YUG ( KSHANIKAA )

 

                              स्वर्णिम  युग 

 

प्यार ही जिंदगी है , प्यार ही बंदगी है ,

प्यार की धारा में बहते जाओ,प्यार ही अमर खुशी है ,

मुस्कानों की डोर में , पिरो लो प्यार को ,

इनसे बनी माला ही तो , जीवन की हर खुशी है  || 

 

 प्यार पंछी की तान में है , प्यार नदिया के गान में है ,

झरनों में प्यार बहता , वेगवान होकर  बहता ,

तुम  भी बह चलो दोस्तों ,

 प्यार  मीरा का कृष्ण को समर्पित ,

प्यार राधा का कान्हा को अर्पित ,

तुम भी सभी से कर लो , प्यार को ह्रदय में भर लो   || 

 

प्यार अंजुरी में भर कर , बाँटते जाओ पूरे जग में ,

मानवता जी उठेगी , मुस्कानें सज उठेंगी पूरे जग में ,

कान्हा भी अवतरित हो ,सखा बन जाएँगे सभी के ,

स्वर्णिम युग आ जाएगा , इस जग में ,

हर कण इस जग का , खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा  || 

 

Sunday, August 24, 2025

AATMVISHWAAS ( JIVAN )

 

                           आत्मविश्वास 

 

मेहनत जब हमने की , तो आत्मविश्वास हमारे पास आया ,

उसी आत्मविश्वास ने , मेहनत के मार्ग को आसान बनाया ,

अब हमारे पास मेहनत और , 

आत्मविश्वास दोनों का खजाना है   || 

 

खजाना मुस्कान का   ,

उसी को भेजो दोस्तों , जो आँसू पोंछ गया ,

वही तो उस खजाने को , संभालने लायक है दोस्तों ,

उसके पास ही मुस्कान का खजाना , सुरक्षित रहेगा दोस्तों  || 

 

कहावत है ," नेकी कर और दरिया में डाल ,"

तो नेकी करते जाओ दोस्तों ,

और दरिया में डाल कर भूल जाओ ,

यही नेकियाँ तो कश्ती बनकर , सभी तूफानों से बचाएँगी ,

भवसागर पार कराकर , तुम्हें परमधाम पहुँचाएँगी   || 

 

Friday, August 22, 2025

KOSHISHEN ( KSHANIKAA )

 

                          कोशिशें 

 

धरा ने मुस्का कर गगन को पुकारा , गगन भी मुस्काया ,

गगन में रहने वालों ने भी , धरा को दोस्त कहकर पुकारा ,

इस दोस्त पार्टी में बहुत से सदस्य थे , जो अब खुश थे   || 

 

दोस्तों , इन सब दोस्तों को ,

मिलने में रुकावटें बहुत आईं ,

गगन और उसके साथी नीचे उतर कर ,

धरा और उसके साथियों से मिलने के लिए ,

मगर सभी सदस्य ,

खुशी - खुशी कोशिश कर रहे थे    ||  

 

धरा और उसके साथियों ने भी ,

गगन तक पहुँचने की बहुत कोशिशें कीं  ,

मगर असफलता ही हाथ लगी ,

मगर सभी की  कोशिशें जारी थीं   || 

 

तो दोस्तों मिलने की कोशिशें ,जारी रहनी चाहिएँ  ,

 सफलता मिले या असफलता , कोशिशें जरूरी हैं   || 

 

Thursday, August 21, 2025

VIDHAAN VIDHII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                        विधान विधि का 

 

जीवन में जो मिला है , वह अच्छा है ,

जो नहीं मिला , वह भी अच्छा है ,

सब्र कर ऐ - बंदे , ईश्वर कहता  है ,

जो तुझे मिला है , वो   तेरे लिए अच्छा है ,

जो नहीं मिला है   , वो तेरे लिए अच्छा नहीं है  ,

मैं जानता हूँ तेरे लिए ,क्या अच्छा है और क्या नहीं  ?? 

 

तेरे जीवन में संघर्ष है , तो क्या हुआ  ?

मैंने भी तो कुरुक्षेत्र को , पार किया है  ,

तुझे मनचाहा नहीं मिला , तो क्या हुआ  ?

मैंने राधा को प्यार किया  , मगर रुक्मणी मिली ,

 मैं विधि के विधान को , बदल नहीं सकता ,

तो तू क्यों ऐसी , कोशिश करता है   ?? 

 

कर्मों की परिभाषा को , तू मत बदल ,

मैंने जो बनाई है ,उसी को मान ,

वही कर्म कर , जो मैंने सुझाए हैं ,

तभी  तो  तू  मेरे धाम आकर , मुझे पाएगा   || 

 

Wednesday, August 20, 2025

MAALAAMAAL ( JIVAN )

 

                              मालामाल 

 

किताबें कितनी ही पढ़ लो ,

 ज्ञान गुरु के द्वारा ही मिलता है ,

किताबों  में छिपे  ज्ञान को ,गुरु ही समझाता है ,

तो समझ लो ज्ञान को गुरु से , 

ध्यान लगा कर समझना   || 

 

ग्रंथों और वेदों को , पढ़ना आसान है दोस्तों ,

मगर की  वेदना को  , पढ़ना और समझना ,

बहुत मुश्किल है दोस्तों,जब किसी की वेदना को पढ़कर ,

समझ जाओगे तो तुम भी , ज्ञानी हो जाओगे दोस्तों  ||  

 

शब्दों से बने वाक्य को , तुम पढ़ तो लोगे दोस्तों ,

जब उसका अर्थ भी समझ लोगे , तो फायदा मिलेगा ,

उसे  ही लेकर ,मालामाल हो जाओ दोस्तों   || 

 

Tuesday, August 19, 2025

SOCH LO ( JIVAN )

 

                          सोच लो 

 

मत दुआ करो , सिर्फ अपनी खुशी की ,

दुआ करो , मानवता  की खुशी की  ,

ईश्वर तुम्हारी खुशियाँ ,

तुम्हें झोली भर कर देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

मत बुरा सोचो , किसी के लिए ,

मानवता में सभी के , बारे में बुरा नहीं ,

ईश्वर तुम्हारे साथ बिल्कुल भी , 

बुरा नहीं होने देंगे , तो सोच लो जरा   || 

 

दुनिया मुस्कुराएगी तो , हम सब भी मुस्कुराएँगे ,

सारा जीवन मुस्कुराएगा , मुस्कानों की मशीन से ,

उसे तेजी से चलाते जाओ ,

और जहां को मुस्कानों में , डुबकी लगवा दो ,

फिर देखो तुम्हारा दिल ,

 खिलखिलाएगा , कहकहे लगाएगा ,

तो चलो दोस्तों , अब कुछ मत सोचो ,

तो दोस्तों , कूद पड़ो मैदान में  ||  

Monday, August 18, 2025

INSAAN ( KSHANIKAA )

 

                                इंसान 

 

इंसान जब इंसानियत को समझेगा , 

तभी तो धरा पनपेगी ,

मानवता का पाठ पढ़कर उसे अपनाएगा ,

तभी तो धरा पनपेगी ,

पनपाओ इस धरा को , इंसान बनो तुम   || 

 

प्यार और मुस्कानों के साथ ही , 

तुम धरा  को सुंदर बनाओगे ,

यही तुम्हारे जीवन का उद्देश्य है ,

यही जीवन का सार है ,

तो सुंदर बना लो धरा को , इंसान बनो तुम  || 

 

मेल - जोल , भाई - चारा ही ,

प्यार और मुस्कानों की कुंजी है ,

इसी कुंजी से धरा की , सुंदरता का मार्ग खुलता है ,

तो तुम भी इस , इस कुंजी का उपयोग करो ,

इंसान बनो तुम , इंसान बनो तुम   || 

 

Sunday, August 17, 2025

SAFAR ( KSHANIKAA )

 

                               सफर 

 

जीवन के सफर में , दिल की बातें ,

दिल में ही कैद रह जाती हैं , 

होठों के रास्ते बाहर नहीं आने पातीं ,

क्योंकि कोई सुनने वाला नहीं होता ,

तो दोस्तों कोई तो हो ऐसा जीवन में ,

जो हमारे दिल की बातें सुने   || 

 

बातों को सुनकर उन्हें समझे ,

और अपने दिल की बातें मुझे सुनाए ,

खूब हँसे और मुझे भी हँसाए ,

मुस्कुराए , खिलखिलाए , कहकहे लगाए  || 

 

तभी तो दोस्तों जीवन का सफर , 

सुनहरा बन जाएगा  , जगमगाएगा ,

 और फिर जब खत्म होगा तो ,

जीवन दाता से मिलवाएगा   || 

 

Saturday, August 16, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                                    कान्हा 

 

हे कान्हा तुम मेरे साथ ही रहना , छोटा सा घर  मेरा ,

मेरा प्यार बहुत है कान्हा , उसको तुम अपनाए रहना ,

मैं हूँ कान्हा दोस्त तुम्हारी , तुम भी मेरे बनकर रहना  || 

 

मुरली की धुन लगती मीठी , उसको तुम बजाते रहना ,

हम सुनकर मुस्काते रहते , तुम भी तो मुस्काते रहना ,

जग वाले भी आते हैं  कान्हा , प्यार तुम्हारा पाने कान्हा  || 

 

राधा तो है सखि तुम्हारी , मीरा है भक्त तुम्हारी ,

क्या तुम सखि मुझे बनाओगे  ?  मुरली मुझे सुनाओगे  ?

ना मैं राधा , ना मैं मीरा , बस  मैं चाहूँ बनना सखि तुम्हारी  || 

 

यमुना तीरे मैं आई तो , क्या तुम मुझको मिल पाओगे  ?

अपनी मीठी  मुरली की धुन ,क्या तुम मुझे सुनाओगे  ?

अपनी मुस्कानों से कान्हा , क्या मेरी मुस्कान बढ़ाओगे  ?? 

 

Friday, August 15, 2025

JAI KANHAIYAA LAAL KII ( AADHYAATMIK )

 

                    जय कन्हैया लाल की 

 

नंद घर आनंद भयो , जय कन्हैया लाल की ,

कान्हा का जन्म भयो , जय कन्हैया लाल की ,

ग्वालों और ग्वालनों को , बहुत ही खुशी भई ,

सभी ने मिलकर कहा , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

सभी आए अंदर , कान्हा को देखने ,

आई सबके होठों पर , मीठी -सी  एक मुस्कान ,

कान्हा भी मुस्काया , देख सभी की मुस्कान ,

गूँजी नन्हीं किलकारी , नंद - यशोदा के आँगन ,

सभी जोर से बोल पड़े , " जय कन्हैया लाल की  "|| 

 

" जय कन्हैया लाल की , जय कन्हैया लाल की  ",

" हाथी  घोड़ा पालकी , जय कन्हैया लाल की  " || 

 

SARHAD KE RAKSHAK ( DESH )

 

                              सरहद के रक्षक 

 

वीर जवानों तुम तो हो , देश की बगिया के सुंदर फूल ,

सभी  करते हैं तुमको , कोई नहीं गया है भूल ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम  रक्षक   || 

 

भक्षक को आने ना देते अंदर ,

रक्षा करते हो तुम जग - जग कर ,

तभी तो हम देशवासी ,चैन से सोते घर के अंदर  , 

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

जान निछावर करते अपनी , भारत - माता के चरणों में ,

तभी तो भारत - माता तुमको , अपना आशीष है देती ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक  || 

 

हमारे देश के वीर जवानों , तुमको प्रणाम हमारा ,

हमारा प्रणाम , हमारा प्रणाम ,स्वीकार करो हमारा प्रणाम ,

सरहद के तुम रक्षक , सरहद के तुम रक्षक   || 

 

Wednesday, August 13, 2025

VEER JAWAAN ( DESH )

 

                             वीर जवान 

 

मेरे वीर जवानों , तुम सरहद पर तैनात हो ,

तभी हम चैन से सो पाते हैं ,

देश भर चैन से रहता है ,

तुम्हारे शौर्य के साये में जीता है   || 

 

तुम्हारी वीरता सभी को जिलाती है ,

सभी तुम्हारी वीरता के गुण गाते हैं ,

अपनी जान की परवाह नहीं करके ,

दूजों की जान को बचाते हैं   || 

 

तुम तो अपने लहू से धरा सींचते ,

भारत माता की हँसी सींचते ,

तभी तो ये देश , उसकी धरा ,

उसका आकाश आज जीवित हैं  || 

 

हम कर्जदार हैं तुम्हारे वीरों ,

नहीं उतार सकते हैं ये कर्ज ,

काश हम कर्ज कम कर पाते , तुमको सहारा दे पाते ,

तो हम थोड़ा तो खुश हो पाते , खुश हो पाते   || 

 

Tuesday, August 12, 2025

AAWAAJ ( AADHYAATMIK )

 

                          आवाज 

 

दिल में जागते अनेक भाव ,

मायूसी , चिंता ,  वाले समय का रूप ,

मगर दोस्तों सबके लिए चिंता मत करो ,

आँखे बंद करके सोचो ,

दिल से एक आवाज आएगी ,

परमात्मा की , मैं तेरे साथ हूँ , आगे बढ़ ,

कुरुक्षेत्र से  तो मुझे भी गुजरना पड़ा था ,

हिम्मत कर  और लड़ इन  सब से   ||  

 

हिम्मत करेगा तो तू ही जीतेगा , 

मत सोच , कि क्या होगा   ? 

मेरा आशीर्वाद  तेरे साथ है  ,

जीवन मैंने दिया है , जो बिताना तूने  है ,

बस अच्छे कर्म किए जा , मेरा आशीष लिए जा ,

जीवन पूरा जिए जा , ना किसी का बुरा कर ,

ना किसी के लिए बुरा सोच , मैं हूँ तेरा दोस्त  || 

 

Monday, August 11, 2025

JAGVAALE ( KSHANIKAA )

 

                                 जगवाले 

 

ये दुनिया रंग - रंगीली बंधु , ये दुनिया रंग - रंगीली ,

अपने मतलब के लिए जगवाले , बोलते मीठी बोली ,

निकल जाने पर अपना मतलब , होती है कड़वी बोली  || 

 

साथ में रहकर भी , मतलब पालें , करें ना मीठी बात ,

साथ छूटने पर वही सब , उड़ाएँ उनका मजाक ,

जीवन रहते पूछें ना,कोई उनकी बात ,करते  हैं सब घात  || 

 

समय बीतने पर ही , ज्ञान होगा अपने कर्मों का ,

उसी समय अहसास जो होगा , वही उन्हें काटेगा ,

जीवन को उनके , दर्द में डुबा  ही देगा ,

पता नहीं तब हम , किस लोक में होंगे बंधु  ?? 

 

 

 

Sunday, August 10, 2025

YAADON KII NEENV ( KSHANIKAA )

 

                              यादों की नींव 

 

यादों ने हमें रोक लिया , बीते कल की गलियों में ,

जहाँ  हमारा बचपन खेला करता था , दोस्तों के बीच में ,

कितने खेल थे वहाँ  ?  कितने कहकहे थे वहाँ  ?

आज तो मुस्कुराहटें भी , दबी - दबी सी हैं   || 

 

आने वाले कभी बाद में , शामिल होंगे यादों में ,

समय बीतने पर हम उनको भी , बसाएँगे यादों में  ,

कल तो कल हैं दोस्तों , चाहे हों बीते या आने वाले ,

बस आज ही आज है दोस्तों , जो नहीं होगा यादों में  || 

 

यादों की अँगुली थाम कर हम , आज की सीढ़ी चढ़ पाए ,

तभी तो हम आज कह पाते हैं , यादों की नींव हमारी है ,

इसी पर आज हम खड़े हैं , दबे हुए मुस्कुराहटों में   || 

 

Saturday, August 9, 2025

BOLON SEY ( KSHANIKAA )

 

                             बोलों से 

 

सूरज की किरणें जब फैलीं , इस धरती के अँगना में ,

सारे पंछी गा उठे , उस गगना के अँगना में ,

सारा जीवन हुआ है मुखरित ,इस धरती के उपवन में ,

सुंदर सा जीवन मुस्काया , होठों की गुँजन में   ||  

 

जीवन उतरा जब धरा पर , प्रकृति भी मुस्काई ,

हरियाली भी छाई , फूलों ने खिल - खिल कर ,

चमन को रंगीन बनाया , आयीं तितलियाँ उड़ - उड़ कर ,

फूलों की खुश्बुओं ने  , इस जग को महकाया   || 

 

हुई साँझ जब , सूरज जब अपने घर को चला ,

लालिमा गगना में फैली , पंछी  भी लौट चले जब घर ,

धीरे - धीरे अँधियारा सा छाया ,चहक उठे सभी के घर ,

महक उठे बोलों से मिलकर   || 

 

Friday, August 8, 2025

KARTTAVYA ( JIVAN )

 

                           कर्त्तव्य 

 

दिल का प्यार ना समझे कोई , सोचे कर्त्तव्य है ये  ,

अपने हों या परिजन हों , सभी की ऐसी सोच है ये ,

 दुनिया की ये रीत है बंधु , सोच की अपनी सोच है ये  || 

 

कर्त्तव्य भी तो कोई नहीं निभाता , जरा निभा के तो देखो ,

दुनिया वालों जरा अपना कर्त्तव्य , निभा के तो देखो ,

निभाना कुछ भी आसान नहीं होता , जरा तुम देखो  || 

 

कर्त्तव्यों की राह पकड़नी , कोई फूलों की राह नहीं ,

ये काँटों भरी राह है , कोई आसान नहीं ,

चार कदम भी चल ना पाए , जरा चल के तो देखो   || 

 

Thursday, August 7, 2025

KADAM - TAAL ( KSHANIKAA )

 

                       कदम - ताल 

 

जीवन तो साँसों की डोरी , जिस में है धड़कन का राग ,

जो तुम जानो जीवन को , पा जाओगे जीवन का साज ,

कदम आगे बढ़ा लोगे , तो मिल जाएगा जीवन का राज   || 

 

डोरी बाँधे रखती जीवन , धड़कन से संगीत बजा ,

कदमों की आहट से बंधु , कदम - ताल का राग बजा ,

साँसों की आवत - जावत में , जीवन सारा बँधा  || 

 

साँसों से तो पलता  जीवन , जिससे सारा संसार चले ,

इस संसार में बंधु , मानव का ये प्यार पले  ,

इस सब को बचाकर रखो बंधु , इस जग की ना शाम ढले  ,

मानव का सुंदर सा जीवन ,बरसों - बरस चला चले   || 

 

 

Wednesday, August 6, 2025

JAAL ( KSHANIKAA )

 

                             जाल 

 

अपने ही दिल के कारण , 

हम फँस गए मजबूरियों के जाल में ,

अपने दिल ने प्यार का , एक संसार बना लिया ,

उसी में खुद को जंजीरों में , जकड़ लिया   || 

 

ये जंजीरें इतनी मजबूत थीं , कि तोड़ ना पाए हम ,

लम्हा - लम्हा उन जंजीरों में , फँसते चले गए हम ,

और एक भी कड़ी उनकी , 

ऐसी नहीं थी कि आजाद हो पाते हम   || 

 

तो दोस्तों अपने दिल को , इतनी आजादी मत दो ,

कि खुद ही कैदी ही बन जाओ तुम ,

तो पाओ अपनी आजादी ,

और पंछी की तरह उड़ते रहो तुम   || 

 

Tuesday, August 5, 2025

GUNGUNAA LO ( GEET )

 

                          गुनगुना लो 

 

दिल की गहराईयों में जो पनप रहा है , उसे पनपने दो ,

जो आँखों में बस रहा है , उसे बसने दो ,

शब्दों के भाव जो जग रहे हैं , उन्हें जगने दो   || 

 

शब्दों से रचते जा रहे हैं जो गीत , उन्हें रचने दो ,

उन गीतों को मीठे संगीत में पिरोने का ,काम करने दो ,

उन गीतों को जब मन करे तो तुम , उन्हें गुनगुना लो   ||  

 

हर भाव दुनिया से उतरता है जब दिल में , उसे उतरने दो ,

वो भाव दिल में उतरकर बस जाएँगे ,  तो बसने दो ,

उन्हीं भावों को याद करोगे तो मुस्कान आएगी ,उसे आने दो ,

मुस्कानों के खिलने से होंठ मुस्काएँगे , तो उन्हें मुस्काने दो  || 

 

Monday, August 4, 2025

PUKAAR CHANDAA KII ( CHANDRAMAA )

 

                           पुकार चंदा की 

 

पुकार सुनी किस - किस ने ? गगन  से चंदा की आती हुई ,

मगर सब समझ ना सके , कि ये किसकी पुकार है  ?

हमने जब सुनी उसकी पुकार ,

तभी हम चल पड़े मिलने को  || 

 

चंदा ने कहा - आओ मेरे , गगना के अँगना में ,

मेरी चंदनिया में , तुम भीग के चमक जाना ,

हम भी खुश हो गए , पाकर  उसका निमंत्रण  || 

 

जीवन की राह में मिले ,बहुत से दोस्त हमको ,

मगर चंदा जैसा कोई , और नहीं था दोस्तों ,

मुस्कान ने चंदा की , मानो हम पर जादू कर दिया  || 

 

Sunday, August 3, 2025

MUSKAAN MEIN ( GEET )

 

                          मुस्कान में 

 

दर्द को मुस्कान में छिपा लो यारों , 

नहीं बाँटो दूजों में यारों ,

दूजों में बाँटोगे तो मजाक ,बन जाओगे यारों ,

मुस्कान में दर्द को छिपाया ,

तो तुम शक्तिमान बन जाओगे यारों   ||  

 

दर्द की कड़वाहट  मुस्कान की  ,

चाशनी से मिली तो खत्म हो जाएगी ,

तो दर्द के भुलावे में डाल कर  ,

उससे दूर हो जाओ यारों ,

दर्द देने वालों को भी 

अपनी यादों से दूर कर दो यारों  || 

 

कीमत दर्द की बहुत , मुश्किल से अदा होती है ,

इतनी कीमत तो , मुश्किल से कमाई जाती है ,

इसी कीमत से , मुस्कान भी कमा लो यारों ,

इसीलिए अपने सारे दर्द को , मुस्कान में छिपा लो यारों  || 

 

 

 

 

 

Saturday, August 2, 2025

PUKAAR BADARAA KII ( JALAD AA )

 

                              पुकार बदरा की 

 

एक दिन बदरा ने कहा , हमसे पुकार के , 

आ जाओ सखि मेरी , मेरे अँगना में ,

पवन संग मिल के हम , डोलेंगे गगना में  || 

 

गगना का अँगना है ,  बहुत ही बड़ा सखि ,

इसमें पवन संग लहराते , रहेंगे हम दोनों ,

दुनिया में यहीं से , हम जल बरसाते रहेंगे  || 

 

प्यार हमारा पनपता , रहेगा हरदम ,

जीवन भी हमारा बढ़ता , रहेगा हरदम ,

रुकेगा ना कभी , काफिला हमारा ,

चलता रहेगा यूँ ही , जीवन हमारा  || 

 

Friday, August 1, 2025

RISHTAA ( KSHANIKAA )

 

                                   रिश्ता 

 

किसी का कहना है , जो साथ दे , उसका साथ दो ,

सही तो कहा है दोस्तों ,साथ देने वाले का साथी बनो ,

यही तो सुंदर रिश्ता होता है दोस्तों  ||

 

क्या कहा दोस्तों , जो धोखा दे  ?

जो धोखा दे , वो धोखेबाज है ,पर  तुम उसको धोखा ना दो ,

तुम धोखे बाज मत बनो दोस्तों , उसका विश्वास मत करो  ,

यही तो सच्चा रिश्ता है , उसके साथ दोस्तों  || 

 

जो प्यार करे ,उसे  प्यार करो ,वही तो हमदर्द है ,

प्यार की राह पे साथ ,चलने वाला  ही तो ,

सच्चा हमसफर है दोस्तों ,

यही तो प्यारा रिश्ता है , उसके साथ दोस्तों  || 

 

जो तुमसे नफरत करे ,तो तुम भी उससे प्यार ना करो ,

उसकी बनाई नफरत की राह पर ,

तुम मत चले चलो दोस्तों ,

यही तो रिश्ता , उसके साथ ठीक है दोस्तों  ||