ख्वाब पंखों के
ये है ख्वाबों की दुनिया , मुरादों की दुनिया ,
उन ख्वाबों में मिले , जो पंख मुझे , वो लगाकर ,
उड़ने लगी हूँ मैं , उस नील ऊँचे गगन में ,
जहाँ परिंदे हमेशा , उड़ते रहते हैं ||
पवन के संग उड़ते - उड़ते ,गगना के अँगना में ,
पंखों का सहारा लेकर , ख्वाबों का सहारा लेकर ,
मैंने छुआ गगन को , तो ख्वाब हुए पूरे ||
आज भी उन ख्वाबों की , ताबीर मेरे साथ है ,
सच्चाई मेरे साथ है , यादें मेरे साथ हैं ,
तो ख्वाबों को हमेशा , थामे रहो दोस्तों ,
यादों के धागों से , उन्हें बाँधे रहो दोस्तों ||
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