Thursday, August 21, 2025

VIDHAAN VIDHII KAA ( AADHYAATMIK )

 

                        विधान विधि का 

 

जीवन में जो मिला है , वह अच्छा है ,

जो नहीं मिला , वह भी अच्छा है ,

सब्र कर ऐ - बंदे , ईश्वर कहता  है ,

जो तुझे मिला है , वो   तेरे लिए अच्छा है ,

जो नहीं मिला है   , वो तेरे लिए अच्छा नहीं है  ,

मैं जानता हूँ तेरे लिए ,क्या अच्छा है और क्या नहीं  ?? 

 

तेरे जीवन में संघर्ष है , तो क्या हुआ  ?

मैंने भी तो कुरुक्षेत्र को , पार किया है  ,

तुझे मनचाहा नहीं मिला , तो क्या हुआ  ?

मैंने राधा को प्यार किया  , मगर रुक्मणी मिली ,

 मैं विधि के विधान को , बदल नहीं सकता ,

तो तू क्यों ऐसी , कोशिश करता है   ?? 

 

कर्मों की परिभाषा को , तू मत बदल ,

मैंने जो बनाई है ,उसी को मान ,

वही कर्म कर , जो मैंने सुझाए हैं ,

तभी  तो  तू  मेरे धाम आकर , मुझे पाएगा   || 

 

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