Saturday, August 16, 2025

KAANHAA ( AADHYAATMIK )

 

                                    कान्हा 

 

हे कान्हा तुम मेरे साथ ही रहना , छोटा सा घर  मेरा ,

मेरा प्यार बहुत है कान्हा , उसको तुम अपनाए रहना ,

मैं हूँ कान्हा दोस्त तुम्हारी , तुम भी मेरे बनकर रहना  || 

 

मुरली की धुन लगती मीठी , उसको तुम बजाते रहना ,

हम सुनकर मुस्काते रहते , तुम भी तो मुस्काते रहना ,

जग वाले भी आते हैं  कान्हा , प्यार तुम्हारा पाने कान्हा  || 

 

राधा तो है सखि तुम्हारी , मीरा है भक्त तुम्हारी ,

क्या तुम सखि मुझे बनाओगे  ?  मुरली मुझे सुनाओगे  ?

ना मैं राधा , ना मैं मीरा , बस  मैं चाहूँ बनना सखि तुम्हारी  || 

 

यमुना तीरे मैं आई तो , क्या तुम मुझको मिल पाओगे  ?

अपनी मीठी  मुरली की धुन ,क्या तुम मुझे सुनाओगे  ?

अपनी मुस्कानों से कान्हा , क्या मेरी मुस्कान बढ़ाओगे  ?? 

 

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