Saturday, January 18, 2025

GYAANAARJAN ( KSHANIKAA )

 

                           ज्ञानार्जन 


माता बनी गुरु हमारी ,ज्ञान हम पे बरसाया ,

विद्यालय में भी गुरुओं ने ,ज्ञानार्जन करवाया ,

उसके बाद हम पहुँचे कॉलेज ,ज्ञान का स्तर बढ़ाया || 


एक के बाद एक डिग्रियाँ लेकर ,हमने आगे कदम बढ़ाया ,

अनेक डिग्रियों से दोस्तों ,फाईल को अपनी सजाया ,

ज्ञान बढ़ा ,डिग्रियाँ बढ़ीं ,हमने सर्टिफिकेट्स की संख्या को बढ़ाया || 


सबकी जिम्मेदारियों तले दबकर ,उनके दर्द को समझ - समझ कर ,

हम अपना दर्द दबाए रहे ,सीने में उसको छिपाए रहे ,

इतना  होने पर भी हम ,अपना ही दर्द नहीं समझे || 


अब कहाँ गया वह ज्ञान हमारा ? जो डिग्रियों में था समाया ,

वो ज्ञान जो गुरुओं ने दिया था ,क्या वह बेबुनियाद था ?

वो ज्ञान जो माता ने दिया ,क्या वह खोखलापन था ? 

जब अपना ही दर्द ना समझे हम ,तो ज्ञान का क्या फायदा ?? 


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