Monday, January 27, 2025

HAMSAFAR VAKT ( KSHANIKAA )

 

                            हमसफर वक्त 


रास्तों पर जब अकेले ,चलना आ जाएगा ,

तो खुद का ही ,हमसफर बन जाओगे दोस्तों ,

खुद से अच्छा साथी ,क्या हो सकता है कोई दोस्तों  ?? 


चलते - चलते स्कूल छूटता है ,कॉलेज छूटता है,

पर क्या परीक्षाएँ ,समाप्त होती हैं दोस्तों ? 

वो तो जीवन भर चलती हैं ,

परिणाम भी आता जाता है दोस्तों || 

 

साथ ही संघर्ष भी चलता जाता है ,

लगातार संघर्ष और उम्मीदें बढ़ते रहते हैं ,

जो कम होती जाती है ,वह तो उम्र है दोस्तों || 

 

हर मोड़ पर ,वक्त कहता है दोस्तों ,

मेरे साथ चलो ,मुझे हमसफर बना लो ,

मैं कभी नहीं रुकता ,चलता ही जाता हूँ ,

तुम भी चलते ही जाओ  ,रुको मत दोस्तों || 


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